खामोशी गवाह है
की इंसान ने सिख ली है
एक नई भाषा
खामोशी गवाह है
की संवेदनशीलता
और गहरी हो गई है
खामोशी गवाह है
इंसान ने समझ लिया है
कोई मर्म नही रहा सिर्फ बोलने में
खामोशी गवाह है
तूफान बहोत गुजरा है
उसके अस्तित्व को छूकर
खामोशी गवाह है
की अहंकार जल गया है
अब धू धू कर
खामोशी गवाह है
परिपक्वता की
खामोशी गवाह है
एक अनूठे वक्ता की
प्रदीप रघुवंशी