Friday, 30 July 2021

"कुछ कहना है" "Kuchh Kahana Hai "


 

तुम हर बार मुझसे कहते हो 

"कुछ कहना है"

पर वो क्यू नहीं कहते ?

जो कहना है 

सारी बातें हो जाती है, पूरी मुलाकातें हो जाती हैं 

फिर कुछ बचा कैसे रह जाता है ?

जो कहना है

सब सुनता तो हूँ,

कुछ छूट कैसे जाता है ?

सब कह के भी मुझसे, 

तू रूठ कैसे जाता है ?

और फिर कहते हो मुझसे 

"कुछ कहना है"

आई का दुख-सुख, भाई की कहानी 

मोहल्ले की खबर, सखियों की जुबानी 

कॉलेज का आना-जाना, गलियों का वो ताना-बाना 

सब कुछ तो कह डाला है तुमने 

अब कह भी दो 

"जो कहना है"


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