Friday, 10 June 2022

"ये आखिरी मुलाकात हो तो अच्छा हो"

अब लौट जाना चाहते है तेरे रास्ते से
ये आखिरी मुलाक़ात हो तो अच्छा है। 
अब कोई शिकवा नहीं कोई शिकायत नहीं 
ये आखिरी बात हो तो अच्छा हो।  

कब तक बेगैरत की तरह हमे मजबूर करोगे आप ?
कब तक अपराधी दिखा मशहूर करोगे आप ?
जा मिलो उससे, जो आपसा ही सच्चा हो
ये आखिरी मुलाकात हो तो अच्छा हो
ये आखिरी बात हो तो अच्छा हो। 

कुछ दर्द दिल में, जज्ब करना ही बेहतर
कुछ अश्रु दिलमें, अब्र करना ही बेहतर
कुछ ज़ख्म दिखते है तो,  हो जाते है बदतर
करके सारे गुनाह,  वो दिखाते है खुद को मानो बच्चा हो
ये आखिरी मुलाकात हो तो अच्छा हो
ये आखिरी बात हो तो अच्छा हो। 

हमने भी खुद को अब सम्हाल रखा है
जेहन में अपने सारे सवाल रक्खा है। 
रुखसत हो जाओ अब सीने से दिल भी निकाल रक्खा है। 
ये आखिरी मुलाकात हो तो अच्छा हो
ये आखिरी बात हो तो अच्छा हो। 





    

Tuesday, 11 January 2022

समंदर




आज समंदर से मिला 

बड़ा बेचैन था वो

कुछ कहना चाहता हो जैसे 

कुछ खो दिया हो जैसे 

कुछ पाना चाहता हो जैसे 

कोई छोड़ गया हो जैसे 

कहीं जाना चाहता हो जैसे 

जैसे कुछ सदमे जो भुला नहीं पा रहा हो 

कोई दूर चला गया हो जैसे  

जिसे बुला नहीं पा रहा हो जैसे 

पर जाने क्यू 

ये बेचैनी कुछ जानी पहचानी सी थी 

मै देखता रह गया, सोचता रह गया

कुछ सुलझा नहीं पा रहा था मैं । 


प्रदीप रघुवंशी 

Wednesday, 5 January 2022

सब माटी कर दिया

सब करके भी उसने
एक जरा सी बात पर
सब माटी कर दिया 

वो जो बेकार था बेगैरत था
जिसको सबने ठुकराया था 
हमने उसको अपना थाती कर लिया 

कही बोझिल ना हो जाए तू मुझसे इसीलिए
सब निभा कर भी हमने रस्में वफ़ा
जरा सा इश्क अपना बाकी कर दिया