Friday, 10 February 2023

हे नाथ



हे नाथ अपनी मैं चिंता करूं क्या 
शरण में तुम्हारी मैं जो आ गया 
मैं जो आ गया
फिर क्या मैं मांगू, फिर क्या है पाना
हृदय को हमारे जो तू भा गया 
जो तू भा गया
हे नाथ अपनी मैं चिंता करूं क्या 
शरण में तुम्हारी मैं जो आ गया
मैं जो आ गया
तुम्ही से है माया, तुम्ही से तृष्णा
जो इनसे बचे तो बने वो ही कृष्णा
भीगा है तन मन, अब तेरे भजन से
मुझपे कृपा जो तू बरसा गया 
जो बरसा गया 
ही नाथ अपनी मैं परवाह करूं क्या
शरन में तुम्हारी जो मैं आ गया 
मैं आ गया
हे नाथ अपनी मैं चिंता करूं क्या 
शरण में तुम्हारी मैं जो आ गया 
मैं जो आ गया
फिर क्या मैं मांगू, फिर क्या है पाना
हृदय को हमारे जो तू भा 
जो तू भा गया
हे नाथ अपनी मैं चिंता करूं क्या 
शरण में तुम्हारी मैं जो आ गया
मैं जो आ गया
बना दो अब राधा, बना दो या मीरा 
ये अपने गले का, बना लो तुम हीरा 
भले मीट भी जाए, ये अस्तित्व मेरा
ये जीवन अब मुझको, समझ आ गया 
समझ आ गया 
हे नाथ अपनी, मैं चिंता करूं क्या 
शरण में तुम्हारी, मैं जो आ गया 
मैं जो आ गया
फिर क्या मैं मांगू, फिर क्या है पाना
हृदय को हमारे, जो तू भा 
जो तू भा गया

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