author deep
Wednesday, 13 February 2013
अब तमन्ना है भुला दे मुझको
मै तुझसे दूर चला जाऊ कुछ ऐसा सिला दे मुझको
तेरी परेशानियो, मजबुरियो का आगाज हु
समझ इन लाश दे जला दे मुझको
बहोत हो चुका साथ तेरे खुशियो का सफ़र
करके तनहा आज रुला दे मुझको
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