मैने सीखा है ।
मैने रातों से सीखा है, अजेय सूर्य भी जीता जा सकता है।
मैने मृत्यू से सीखा है, जीवन भी छला जा सकता है।
मैने ऑसूओ से सीखा है, कुछ भी टिका नही रहता।
मैने तुफानो से सीखा है, सब कुछ तोड़ा जा सकता है।
“मानो तो हार शिक्षक जैसी है
तुम्हें जीत का अर्थ सीखाती है
बाधॉए होती है पिता-तुल्य
ठोकर से पाठ पढ़ाती है
मनोबल है हम सबकी मॉ जैसी
गीरकर भी उठना सीखाती है।
साहस होता है सखा समान
हर पल वो साथ निभाती है
विपत्ती होती है धर्मपत्नी
सम्बन्धों का प्रतिबिम्ब दिखाती है
मृत्यु संत का रूपक है।
जीवन को पार लगाती है।“
Pradeep Dubey

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