Wednesday, 28 August 2019

धुप

जब जिंदगी अपनी धुप से नवाजती है
तो  रंग चाहे  कोई भी हो ढलाव  तो आ ही जाता है l
जब  किस्मत  दीवारों  की  तरह  खड़ी हो  जाती है राहों में
तो जज्बे और जुनूँ से आप कितना भी चले ठहराव तो आ ही जाता है
सब कुछ करना ही नहीं होता है यहाँ
कुछ और भी है इसके सिवा, अनसुलझा सा बस फर्क है की वो नहीं दिखता है 



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