जब जिंदगी अपनी धुप से नवाजती है
तो रंग चाहे कोई भी हो ढलाव तो आ ही जाता है l
जब किस्मत दीवारों की तरह खड़ी हो जाती है राहों में
तो जज्बे और जुनूँ से आप कितना भी चले ठहराव तो आ ही जाता है
सब कुछ करना ही नहीं होता है यहाँ
कुछ और भी है इसके सिवा, अनसुलझा सा बस फर्क है की वो नहीं दिखता है
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